जीवन एक क्रिकेट है ..... सबका अपना अपना रन रेट है .....
आचार्यश्री तरुणसागर जी स्वरचित कविता जो हाल ही में दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुई है !
मै काफी प्रभावित हूँ इसलिए आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूँ !
जीवन एक क्रिकेट है.......
सृष्टि के महान स्टेडियम में,
धरती की विराट पिच पर
समय बोलिंग कर रहा है!
शरीर बल्लेबाज है ,
पमात्मा के इस आयोजन में
अम्पायर धर्मराज है !
बीमारियाँ फील्डिंग कर रहीं हैं ,
विकेटकीपर यमराज है
प्राण हमारा विकेट है
जीवन एक क्रिकेट है !
इस डे नाइट के मेच
हमे रचनात्मकता के जलवे दिखाना है ,
और सांसो के सीमित ओवर में
सृजन के रन बनाना है !
गिल्लियां उड़ने का अर्थ साँस का टूट जाना है ,
एलबीडबल्यु यानि हार्ट अटेक!
दुर्घटना में मरनेवाला रन आउट कहलाता है
और सीमा पर शहीद होनेवाला
केच आउट कहा जाता है !
आत्महत्या का अर्थ हिट विकेट
और हत्या स्टंप आउट हो जाना है !
कभी कभी कुछ आक्रामक खिलाडी,
जल्द ही पेवेलियन लौट जाते हैं
लेकिन पारी ऐसी खेलते हैं
कि कीर्तिमान बना जाते हैं !
सबका अपना अपना रन रेट है !
जीवन एक क्रिकेट है .....