Thursday, 31 March 2011

जीवन एक क्रिकेट है ..... सबका अपना अपना रन रेट है .....

आचार्यश्री  तरुणसागर जी स्वरचित कविता  जो हाल ही में दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुई है !
मै काफी प्रभावित हूँ  इसलिए आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूँ !

जीवन एक क्रिकेट है.......
सृष्टि के महान स्टेडियम में,
धरती की विराट पिच पर
समय बोलिंग कर रहा है!
शरीर बल्लेबाज है ,
पमात्मा के इस आयोजन में 
अम्पायर धर्मराज है !
बीमारियाँ फील्डिंग कर रहीं हैं ,
विकेटकीपर यमराज है 
प्राण हमारा विकेट है 
जीवन एक क्रिकेट है !
इस डे नाइट के मेच 
हमे रचनात्मकता के जलवे दिखाना है ,
और सांसो के सीमित ओवर में 
सृजन के रन बनाना है !
गिल्लियां उड़ने का अर्थ साँस का टूट जाना है ,
एलबीडबल्यु यानि हार्ट अटेक!
दुर्घटना  में मरनेवाला रन आउट कहलाता है
और सीमा पर शहीद होनेवाला 
केच आउट कहा जाता है !
आत्महत्या का अर्थ हिट विकेट 
और हत्या स्टंप आउट हो जाना है !
कभी कभी कुछ आक्रामक खिलाडी,
जल्द ही पेवेलियन लौट जाते हैं 
लेकिन पारी ऐसी खेलते हैं 
कि कीर्तिमान बना जाते हैं !
सबका अपना अपना रन रेट है !
जीवन एक क्रिकेट है .....        

2 Comments:

At 1 April 2011 at 01:12 , Blogger Greatsays said...

Wah kya baat. Some lines have deep meanings.

 
At 1 April 2011 at 02:18 , Blogger sid said...

I like it , Beginning to End, very well rhymed and very deep thoughts

 

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