Friday, 4 March 2011

संगत

कहते हैं की संगत का असर  जीवन को काफी प्रभावित करता है ! संगत  अच्छी हो तो जीवन जीने का नजरिया ही बदल जाता है !  संगत बुरी हो ठीक उल्टा भी होता है ! चिन्मय मिशन के पूज्य गुरुदेव नास्तिक ही थे ! इंग्लिश अख़बार के प्रतिनिधि के रूप में किसी भगवा वस्त्र धारी का  साक्षात्कार लेने हरिद्रार गए ! वंहा महात्मा लोगों के प्रवचन सुने और ऐसे प्रभावित हुए कि सांसारिक मोह माया का त्याग कर दिया ! भगवत गीता तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया!  उनका कहना था कि गीता के एक एक अध्याय में जीवन का सार छिपा हुआ है ! हर श्लोक में जीवन का रहस्य गर्भित है ! आवश्यकता है  उस रहस्य को समझने कि ! यदि समझ लिया तो जीवन जीने का मकसद मिल जायेगा ! आत्म बोध हो जायेगा तो सारे  कष्ट अपने आप दूर हो जायेंगे ! डगर कठिन अवश्य है पर असम्भव नहीं !
अच्छी संगत का  काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ! हमारी सोच ,रहन सहन, आचार विचार सभी आसपास के वातावरण से प्रभावित होते हैं ! जीवन  में हमे हमारे  माता पिता, भाई बहन अथवा बेटे बेटी चुनने का अधिकार नहीं है ! अर्थात  हमारे हमारे माता पिता -पुत्र पुत्री कोन हों इसका निश्चय हम नहीं कर सकते हैं ,   परन्तु हमे हमारे  मित्र चुनने का अधिकार अवश्य है !अर्थात हमारे मित्र कैसे हों, कोन हों , यह अधिकार अवश्य हमे प्राप्त है और हमे  इस अधिकार का उपयोग  बहुत सोच समझकर  करना चाहिए ! जीवन में हर वो चीज जो हम चाहते हैं  नहीं मिल पाती परन्तु  अच्छा मित्र हमे अवश्य मिल सकता है , लेकिन यह सिर्फ हमारे और सिर्फ हमारे उपर ही निर्भर है ! संसार में अछे बुरे सभी प्रकार के लोग मिलेंगे !

च्वाइस इज अवर्स !             



2 Comments:

At 7 March 2011 at 04:57 , Blogger Greatsays said...

kabira sangat saadhu ki, jyo gandhi (as in bottle of perfume) ki baas,
jo gandhi kuch de nahi, to bhi baas subaas.

 
At 7 March 2011 at 09:05 , Blogger Unknown said...

absolutly true individuals company can create him or even totally destroy him

 

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