संगत
कहते हैं की संगत का असर जीवन को काफी प्रभावित करता है ! संगत अच्छी हो तो जीवन जीने का नजरिया ही बदल जाता है ! संगत बुरी हो ठीक उल्टा भी होता है ! चिन्मय मिशन के पूज्य गुरुदेव नास्तिक ही थे ! इंग्लिश अख़बार के प्रतिनिधि के रूप में किसी भगवा वस्त्र धारी का साक्षात्कार लेने हरिद्रार गए ! वंहा महात्मा लोगों के प्रवचन सुने और ऐसे प्रभावित हुए कि सांसारिक मोह माया का त्याग कर दिया ! भगवत गीता तथा अन्य धार्मिक ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया! उनका कहना था कि गीता के एक एक अध्याय में जीवन का सार छिपा हुआ है ! हर श्लोक में जीवन का रहस्य गर्भित है ! आवश्यकता है उस रहस्य को समझने कि ! यदि समझ लिया तो जीवन जीने का मकसद मिल जायेगा ! आत्म बोध हो जायेगा तो सारे कष्ट अपने आप दूर हो जायेंगे ! डगर कठिन अवश्य है पर असम्भव नहीं !
अच्छी संगत का काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है ! हमारी सोच ,रहन सहन, आचार विचार सभी आसपास के वातावरण से प्रभावित होते हैं ! जीवन में हमे हमारे माता पिता, भाई बहन अथवा बेटे बेटी चुनने का अधिकार नहीं है ! अर्थात हमारे हमारे माता पिता -पुत्र पुत्री कोन हों इसका निश्चय हम नहीं कर सकते हैं , परन्तु हमे हमारे मित्र चुनने का अधिकार अवश्य है !अर्थात हमारे मित्र कैसे हों, कोन हों , यह अधिकार अवश्य हमे प्राप्त है और हमे इस अधिकार का उपयोग बहुत सोच समझकर करना चाहिए ! जीवन में हर वो चीज जो हम चाहते हैं नहीं मिल पाती परन्तु अच्छा मित्र हमे अवश्य मिल सकता है , लेकिन यह सिर्फ हमारे और सिर्फ हमारे उपर ही निर्भर है ! संसार में अछे बुरे सभी प्रकार के लोग मिलेंगे !
च्वाइस इज अवर्स !
2 Comments:
kabira sangat saadhu ki, jyo gandhi (as in bottle of perfume) ki baas,
jo gandhi kuch de nahi, to bhi baas subaas.
absolutly true individuals company can create him or even totally destroy him
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