Wednesday 8 June 2011

प्रभु ने भी मना कर दिया

एक बार भगवान मेरी भक्ति से अति प्रसन्न हुए और साक्षात् प्रगट हुए और बोले भक्त ,मै  तेरी भक्ति से प्रसन्न हुआ ! वत्स तू मुझसे  वर मांग सकता है! मै तेरी इच्छा पूर्ण करूँगा !  लेकिन तुझे वर मागने के लिए ६० सेकंड मिलेंगे और तेरा समय स्टार्ट होता है ,अब ! मुझे तो जैसे विश्वास ही नहीं हो रहा था की साक्षात् भगवन मेरे सामने खड़े हैं !मेने दो बार अपने आप को चिकोटी काटी फिर मुझे विश्वास हुआ कि भगवान ही मेरे सामने खड़े हैं !एक तो सामने भगवान और उपर से उन्होंने मुझे वर मांगने के लिए भी कह दिया ! मै क्या करूँ क्या वर मांगू कुछ भी समझ नहीं आ रहा था ! और उधर ६० सेकंड कि समय सीमा भी रख दी ! मेने भगवान से पूछा प्रभु फोन ऐ फ्रेंड या एक्सपर्ट ओपिनियन का आप्शन तो दो वो बोले नहीं तेरे अब केवल ३० सेकंड बचे हैं !  सोचा खुद के लिए मांगू या परिवार के लिए मांगू या फिर देश या समाज के लिए मांगू ! बहुत विचार किया और सोचा व्यक्ति व् परिवार से देश और समाज बड़ा होता है अत: देश और समाज के हित के लिए ही कुछ मागना चाहिए ! 
बहुत सोच कर मेने भगवान से कहा प्रभु आप भारत देश को भ्रष्टाचार और काले धन कि समस्या से मुक्ति दिला दो ! यह सुनकर प्रभु एकदम आग बबूला हो गए और बोले मूर्ख बालक तू मेरी अग्नि परीक्षा लेना चाहता है ! अन्ना और बाबा रामदेव का हाल देख रहा है ! सरकार दोनों को भाव नहीं दे रही  है,  फिर भी चाहता है कि  मै कुएं में कूद जाऊ ! तू क्या चाहता है कि भ्रष्टाचार को इस देश से मिटा कर इस देश को संस्कृति विहीन कर दूं ! जिस देश में लोग  छोटे से अबोध बच्चे को मनाने के लिए टाफी बिस्कुट और खिलोने का लालच दे कर उसके मन  में  लालची संस्कृति का बीज बो रहे हैं , वहां  तू मुझसे अपेक्षा कर रहा है कि मै इस देश से भ्रष्टाचार मिटा दूंगा यह असम्भव  कार्य मुझसे नहीं  होगा,  क्षमा करना और अब तेरा समय भी समाप्त हो चूका है  अब मै जा रहा हूँ ! मै चिल्लाता रहा  प्रभु मेरी बात सुनो ,  प्रभु  मेरी बात सुनो ! तभी पत्नी ने जगाया क्या हुआ ? प्रभु प्रभु क्या चिल्ला रहे थे क्या कोई सपना देखा ?

मै करवट बदल कर फिर सो गया !










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