मैंने दूध वाले से कहा, भैया कितना पानी मिलाते हो ?
वह बोला पानी नहीं मिलायेंगे, तो दूध फट जायेगा !
मैंने कहा मिलाना ही है तो हमारे यहाँ से ले जाया करो
हम लोग फिल्टर का पीते हैं , कम से कम
यह तो तसल्ली रहेगी ,कि शुद्ध पानी वाला दूध पी रहे हैं !
वह बोला साहब ,कोशिश तो हमारी भी यही रहती है,
कि अच्छा ही पानी मिलाएं पर क्या करे,
धंधे में तो थोड़ी बहुत उंच नीच तो चलती है !
और फिर क्या है साहब, सभी लोग तो,
आपकी तरह फिल्टर का पानी नहीं पीते !
हम को तो सभी का ख्याल रखना पड़ता है!
वरना कुछ लोग शुद्ध पानी वाला दूध पी कर,
बीमार पड़ गए ,तो हमारी बेवजह बदनामी होगी
इसलिए आपकी वजह से हम,
इतनी बड़ी रिस्क नहीं ले सकते !
जमता हो तो, लो नहीं तो,जय राम जी की
मै अवाक सा उस की तरफ देखता रहा !
अंदर से पत्नी की आवाज आई ,क्या हुआ ?
इतनी देर क्यों हो गयी, जल्दी भी करो !
बंटी को स्कूल के लिए, आज भी देर हो जाएगी !
मै काफी देर तक सोचता रहा, मेने गलत क्या कहा था ?